बंगाल में मची चीख-पुकार, मोदी बोले – नहीं चाहिए निर्मम सरकार!

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर बंगाल की सियासत में बिजली गिरा दी है — भाषण से, बिजली से नहीं। अलीपुरद्वार की रैली में उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर ऐसा जुबानी बम फोड़ा कि टीएमसी के नेताओं को अपने ट्विटर हैंडल बंद करने पड़े।

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“हिंसा, तुष्टिकरण, दंगा और भ्रष्टाचार – बंगाल की नई पहचान?”

पीएम मोदी बोले, “बंगाल में अब विकास नहीं, सिर्फ़ विनाश दिख रहा है।”
उन्होंने गिनाए पांच संकट — मानो कोई सियासी पंचलाइन हो:

  1. हिंसा और अराजकता

  2. माताओं-बहनों की असुरक्षा

  3. युवाओं में निराशा और बेरोजगारी

  4. व्यवस्था में भरोसे की कमी

  5. सत्ताधारी दल की स्वार्थी राजनीति

पंच संकट की पंचनामा पेश करके, उन्होंने कहा – “अब बंगाल बदलाव चाहता है, बीजेपी का विकास मॉडल देख रहा है।”

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प्रधानमंत्री ने बंगाल की पुलिस को “वॉचिंग मूड” में बताया और टीएमसी नेताओं को “आग लगाने वाला गैंग” कह डाला।

“सरकार चलाने वाली पार्टी के लोग जब पहचान कर घर जलाते हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है, तो हालात कौन सुधारे?” – मोदी का सवाल ऐसा था, जैसे कोई सस्पेंस थ्रिलर में पुलिस को विलेन बना दे।

“बंगाल में चीख पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार!” – मोदी का राइमिंग पंच

इस बार मोदी जी ने भी कविता की शैली में बात रखी:
“बंगाल में मची चीख पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार!”
लगता है कविता से वोटिंग स्लोगन तक का ट्रेंड अब पीएमओ से ही आ रहा है।

ममता बनर्जी का जवाब: “हिम्मत है तो चुनाव में आइए!”

ममता दीदी ने मोदी के भाषण पर करारा जवाब दिया –
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या अब बीजेपी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद ‘ऑपरेशन बंगाल’ भी चलाएगी?”

और फिर आई दीदी स्टाइल की चुनावी चुनौती
“अगर हिम्मत है तो कल ही चुनाव में उतर आइए। बंगाल भी तैयार है, मैं भी तैयार हूं।”

चुनाव से पहले बंगाल बनेगा सियासी अखाड़ा?

मोदी की रैली और ममता की चुनौती ने साफ कर दिया है –टीएमसी को सत्ता से उखाड़ने की कोशिश में बीजेपी अब सिर्फ वादे नहीं, वादों में तुकबंदी भी कर रही है।

राजनीतिक पिच पर बॉल अब मोदी के कोर्ट में है, लेकिन ममता दीदी ने बाउंसर मारकर बता दिया है — बंगाल की राजनीति में न कोई “नो बॉल” चलती है, न “स्लो बॉल”!

अब देखना यह है कि जनता किसकी तरफ झुकेगी —
“विकास का वादा” या “दीदी का डंका”?

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